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गृहस्थ : एक तपोवन

🏡 पुस्तक का उद्देश्य एवं मूल दृष्टिकोण

“गृहस्थ एक तपोवन” यह सिखाती है कि परिवार और गृहस्थ जीवन केवल सांसारिक जिम्मेदारियाँ भर नहीं हैं, बल्कि यह आध्यात्मिक साधना का प्रथम और सबसे महत्वर्णा तपोवन है। लेखक के अनुसार गृहस्थ जीवन वह प्रेरणादायक मंच है जहाँ व्यक्ति कर्तव्य, अभ्यास, और आत्मबल का निर्माण करता है। पं. श्रीराम शर्मा के अनुसार यही जीवन यात्रा का पहला खुदाई क्षेत्र है—जहाँ संस्कार, सहयोग, संवाद और व्यक्ति-परिवार-समाज के बीच सशक्त समन्वय आत्मा की उच्च सतह तक पहुँचने में सहायक होता है ।

🌟 मुख्य विषयवस्तु

1. गृहस्थ धर्म की गरिमा

यह भाग गृहस्थ जीवन के नैतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक महत्व को सभी दृष्टियों से स्पष्टीकरण करता है। यह बताता है कि गृहस्थ चाहे जितनी व्यस्तता में हो, उसे आध्यात्मिक अनुशासन, प्रेमपूर्ण जिम्मेदारी, और आत्मिक संतुलन का पालन करना चाहिए ।

2. सम्मानीय दाम्पत्य जीवन

पुस्तक में दाम्पत्य रिश्तों को समानता, समर्पण और संवाद की नींव पर रखा गया है। इसमें उल्लेख है:

  • पत्नी पति की सच्ची सहधर्मिणी होगी,

  • दोनों मिलकर जीवन की समस्याओं का हल निकालेंगे,

  • गृहस्थ जीवन केवल जिम्मेदारी नहीं, बल्कि जीवन-साधना भी है 

3. शिक्षा और संस्कार

यह पुस्तक बताती है कि बच्चों का पालन-पोषण केवल प्यार से नहीं, बल्कि संस्कार और आदर्शों से होना चाहिए—जिससे वे संस्कारित, उत्तरदायी और व्यावहारिक ग्रहस्थ बनें ।

4. सद्गृहस्थ की साधना

छोटे-छोटे घर के कार्य जैसे भोजन, संवाद, सेवा, तिथि–व्रत, भोजन संयम—ये सभी साधना के महत्वपूर्ण अंग हैं। यह गृहस्थ जीवन को केवल साधन नहीं, बल्कि परंपरागत तप का माध्यम बनाते हैं ।

5. समाज और परिवार का अग्नि-परिवर्तन

गृहस्थ जीवन में जो स्वयं का परिवर्तन आए, वह समाज के स्तंभों में भी आधार बनता है। परिवार का उज्जवल स्वरूप धीरे-धीरे समाज को भी बेहतर बनाता है।

👥 उपयुक्त पाठक वर्ग

  • नवविवाहित जोड़ों और युवा दंपत्तियों के लिए

  • गृहिणियाँ, जो घर को स्वर्गीय बनाना चाहती हैं

  • माता-पिता और शिक्षक जिनका उद्देश्य अगले पीढ़ी को संस्कारित करना है

  • समाजसेवी जो परिवार-आधारित सामाजिक परिवर्तन में विश्वास रखते हैं

  • विचार-क्रांति और गायत्री परिवार के अनुयायी जो 'युग निर्माण' की दिशा में कार्यरत हैं

🌱 पढ़ने से लाभ

  • जीवन-ज्ञान: घर को केवल जिम्मेदारी नहीं, बल्कि साधना-क्षेत्र बनाना सीखें

  • संवाद-कौशल: दांपत्य जीवन में संवाद और सम्मान के आदर्श अपनाने

  • संस्कार-पद्धति: बच्चों को गुणयुक्त रूप से संस्कारित करना

  • आत्मिक-समर्पण: गृहस्थ जीवन में तप और संयम लाना

  • व्यक्तिगत व सामाजिक विकास: व्यक्ति-पारिवारिक सुधार से शुरू होकर समाज-निर्माण तक पहल

📚 “गृहस्थ एक तपोवन” आपकी पुस्तक-संग्रह में बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी—यह जीवन का बोध और घर को तपस्थली बनाना दोनों सिखाती है। अपने परिवार एवं समाज में परिवर्तन लाने का शुरुआती कदम आज ही उठाएँ—इस पुस्तक को अपने कार्ट में जोड़ें!

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लेखक : पं श्रीराम शर्मा आचार्य
भाषा : Hindi