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दृश्य जगत की अदृश्य पहेलियां

🔍 सारांश: मनुष्य बनाम प्रकृति के रहस्यों का संवाद

यह पुस्तक आँखों से दिखाई देने वाले संसार (दृश्य जगत) और उसके भीतर छिपे अदृश्य रहस्यों (अदृश्य पहेलियों) के बीच एक अमूल्य सेतु है। पाठकों को यह समझने की प्रेरणा मिलती है कि प्रकृति सिर्फ भौतिक सत्ता नहीं, अपितु भाव, ऊर्जा और चेतना का समुच्चय है। वैज्ञानिक रूप से सुधरे जीवन के बावजूद, धरती पर आज भी कई ऐसी घटनाएँ घटित होती हैं, जिनका समाधान इंसानी बुद्धि से परे है।

🌟 मुख्य विषय:

1. “ये रहस्य क्यों नहीं सुलझते”

– अनगिनत प्राकृतिक घटनाएँ, जैसे ‘गाती बालू’ या अज्ञात ध्वनियाँ, आज तक वैज्ञानिक दृष्टि से अज्ञात हैं। उदाहरण के तौर पर, हवाई द्वीप पर “भौंकती पहाड़ी”, रात के अंधेरे में बच्चों को डराने वाली गूँजदार आवाजें—इनका कोई स्पष्ट वैज्ञानिक स्पष्टीकरण नहीं मिल पाया ।

2. “अद्भुत जगत के अद्भुत रहस्य”

– तखला मकान रेगिस्तान में गाती बालू (singing sands) की घटनाएं, जहाँ बालू-टीलों से ढोल, वीणा जैसी ध्वनियां निकलती हैं, जब हवा चलती है या मिट्टी हिलती है ।

3. पेड़-पौधों की विस्मयजनक गतिविधियाँ

– रविवार हृदय से उठने वाली सीटी जैसी आवाज, विचित्र संगीत—कुछ पेड़ों की शाखाओं में छेदों की वजह से हवा गुज़रने पर उत्पन्न होती ध्वनियाँ ।

4. “जीवन पृथ्वी तक ही सीमित नहीं”

– वर्षा का उदाहरण, जहाँ कैलिफ़ोर्निया के “मीठी वर्षा” या “लाल वर्षा” जैसी घटनाओं में अनगिनत लोगों ने बिना समझे प्रकृति का अद्भुत अनुभव किया । वैज्ञानिक अभी भी इन घटनाओं की वैज्ञानिक व्याख्या खोजने में संघर्षरत हैं।

5. “द्रश्य उपभोग्य नहीं, उपास्य भी”

– शास्त्रीय कथाओं, लोक विश्वासों और प्राकृतिक घटनाओं के माध्यम से पुस्तक बताती है कि भौतिक जगत की वस्तुएँ उपभोग के साथ-साथ उपासना की वस्तुएँ भी हो सकती हैं ।

🧠 गहन दृष्टिकोण: विज्ञान—आध्यात्म—संस्कृति का मिलन

पं. श्रीराम शर्मा का दृष्टिकोण जानवरों, पौधों, ध्वनियों और प्राकृतिक घटनाओं को सिर्फ प्राकृतिक घटनाओं से ऊपर उठाकर चेतनात्मक “मर्म” से जोड़ता है। वे कहते हैं कि वस्तुतः ये अदृश्य ‘चेतना’, ‘ऊर्जा’ और ‘विचार’ के संयोग द्वारा घटित होते हैं – जैसे मनुष्य की संकल्पशक्ति प्रकृति में शक्तिशाली बदलाव ला सकती है ।

इस दृष्टि से—वह कविता, उपासना और चेतनाशक्ति—वास्तव में विज्ञान और आध्यात्म का संगम है।

👥 यह पुस्तक किसके लिए है?

  • ज्ञान-उत्साही पाठक: विज्ञान-काम-आध्यात्म में रुचि रखने वाले

  • युवा वर्ग: जो प्रकृति के गुप्त रहस्यों को समझना चाहता है

  • धार्मिक/आध्यात्मिक साधक: जो अनुभव-आधारित अध्यात्म की खोज में हैं

  • शिक्षक व प्रेरक: जो प्रकृति और चेतना के गहरे संबंध को समझाना चाहते हैं

  • गायत्री परिवार व विचार-क्रांति से प्रेरित पाठक: जिन्हें वैज्ञानिक चेतना पर आधारित आध्यात्मिक दृष्टिकोण अभिप्रेरित करता है

🌿 पढ़ने से मिलने वाले लाभ

  • प्रकृति के अद्भुत रहस्यों से परिचय—विचित्र ध्वनियाँ, मूत्रित संगीत, विचित्र वर्षाएँ

  • विज्ञान और आध्यात्म के बीच पुल—कैसे दोनों क्षेत्रों का सम्मिश्रण चिंतन-विकास को प्रेरित करता है

  • चेतन शास्त्र की समझ—चेतना, ऊर्जा, प्रकृति को देखते हुए–विचार और संकल्प की ताकत

  • बुद्धिगत संतुलन—स्वार्थ बनाया जीवन बनाम आत्म तत्व से जुड़ा चेतन जीवन

  • समग्र जागरूकता—प्रकृति के साथ सहसम्बंध और पर्यावरण चेतना का विकास

✅ क्यों खरीदें “दृश्य जगत की अदृश्य पहेलियाँ”?

  • ₹150 की सुलभ कीमत में गहन सूक्ष्म अध्ययन

  • 104 पृष्ठों का सारगर्भित गद्य, सरल और प्रभावशाली शैली

  • विज्ञान और आध्यात्म का मिश्रण, जो गहन अनुभव की ओर ले जाता है

  • नवीलाभ संस्करण, जिसमें पुरानी कहानियाँ और नई दृष्टि का सुंदर संतुलन है vicharkrantibooks.org

📚 “दृश्य जगत की अदृश्य पहेलियाँ” केवल पढ़ने के लिए नहीं, बल्कि जीवन के अदृश्य-ज्ञाने में प्रवेश का मार्ग है। इसे अपने कार्ट में जोड़ें और प्रकृति और चेतना के रहस्यमय संवाद अनुभव करें!

₹ 150.00 ₹ 150.00 (Tax included)
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लेखक : पं श्रीराम शर्मा आचार्य
भाषा : Hindi