समाज का मेरुदण्ड सशक्त परिवार तंत्र
🎯 पुस्तक का उद्देश्य और सारांश
यह पुस्तक स्पष्ट रूप से बताती है कि एक सुदृढ़ परिवार ही समाज और राष्ट्र की रीढ़—मेरुंडंड—है। अगर परिवार में पारस्परिक संबंध, नैतिकता, सहयोग और आत्मीयता का अनुशासन रहे, तो वही परिवार राष्ट्र और समाज को सशक्त बनाते हैं। पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य का दृष्टिकोण है कि कमजोर परिवारों से अस्थिर समाज का निर्माण होता है। इसलिए "सशक्त परिवार तंत्र" ही समाज के उन्नयन की प्रथम शर्त है।
इस ग्रंथ में पारिवारिक संरचना, आपसी संवाद, दायित्व, संस्कार और स्थिर संबंधों पर गहन चर्चा है। यह पुस्तक बताती है कि कैसे हम - वर्तमान तनाव, आपसी दूरी और बिगड़ते रिश्तों के दौर में - घरेलू जगत को सशक्त, समर्थ और सदैव मजबूत बना सकते हैं।
🌟 मुख्य विषय-वस्तु और विचार
परिवार और समाज का घनिष्ठ संबंध
लेखक स्पष्ट करते हैं कि जब परिवार मजबूत होते हैं तब ही वे समाज में समरसता, सेवा और कानून का स्रोत बनते हैं। कमजोर परिवार समाज में असंतुलन, अपराध और असंख्य चुनौतियां उत्पन्न करते हैं।परिवार का चार स्तम्भीय तत्त्व
इसमें चार महत्वपूर्ण आधार बताए गए हैं—पिता (सुरक्षा, आचरण), माता (संस्कार, प्रेम), संतान (भावना, जिम्मेदारी), और बुजुर्ग (अनुभव, मार्गदर्शन)। इनके संतुलन से शक्तिशाली परिवार बनता है।आर्थिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक साझेदारी
सिर्फ आर्थिक सामर्थ्य ही नहीं, बल्कि पारस्परिक भावना और चरित्र निर्माण भी परिवार को मजबूत बनाता है। रोज़मर्रा के संवाद, त्याग, सेवा और मनन से यह तंत्र चलता है।पारिवारिक संस्कार
समयबद्ध भोजन, संवाद, साधारण अनुष्ठान तीतर—ये साधारण प्रक्रियाएं बच्चों और सृष्टि संबंधों पर गहरा प्रभाव डालती हैं।आत्मिक एवं मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण
घर के सदस्य जब एक-दूसरे के कार्मिक विकास में सहायक बनते हैं, तब परिवार आध्यात्मिक और मानसिक रूप से परिपक्व होता है।समाज-निर्माण की प्रक्रिया
यह पुस्तक सिखाती है कि कैसे जब कई परिवार इस शिक्षित, मानवीय और आदर्शवादी दृष्टिकोण से सुसज्जित होंगे, तब उनका संचयी प्रभाव समाज और राष्ट्र को संतुलित, मजबूत और प्रगतिशील बनाता है।
🌱 पढ़ने से क्या लाभ मिलेगा?
व्यक्तिगत विकास
आज परिवारिक सदस्य अपनी जिम्मेदारी पहचानकर प्रेरित जीवन मूल्य ग्रहण करते हैं।सशक्त पारिवारिक संरचना
माता-पिता व बच्चों के मध्य संवाद, आदर और सहयोग की भावना विकसित होती है।नैतिक अनुशासन
राष्ट्र निर्माण के कार्यों में परिवार जैसे कार्यस्थल से नैतिकता, सेवा और प्रतिबद्धता आती है।मानसिक एवं आध्यात्मिक समरूपता
इस तंत्र से व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक स्तर पर आनन्द, शांति और चरित्र की प्रतिष्ठा स्थापित होती है।
👥 यह पुस्तक किनके लिए उपयुक्त है?
युवा दम्पत्ति, परिवारगण और माता-पिता जो स्वस्थ पारिवारिक जीवन चाहते हैं।
शिक्षक, प्रेरक और समाजसेवी, जो संवाद, संस्कार और सेवा को मजबूत बनाना चाहते हैं।
युवा वर्ग जो व्यक्तित्व निर्माण, जिम्मेदारी और नेतृत्व के गुण सीखना चाहता है।
युग-निर्माण, संस्कृति-चेतना और राष्ट्र-निर्माण से जुड़े व्यक्ति, जो परिवार से समाज को सुधारना चाहते हैं।
✅ अंतिम सारांश
‘समाज का मेरुंडंड – सशक्त परिवार तंत्र’ एक प्रेरक पुस्तक है जो यह स्पष्ट संदेश देती है कि यदि राष्ट्र को स्थिर, न्यायपूर्ण और सार्थक बनाना है तो शुरूआत घर से करनी होगी। छोटे-छोटे कदम—संवाद, आदर, सेवा, संस्कार—जब पूरे परिवार में आवर्ती रूप से होंगे तब ही व्यक्ति, परिवार और समाज का सशक्त तंत्र निर्मित होगा। व्यक्तिगत, संबंधगत, सामाजिक और राष्ट्रीय स्तर पर यह पुस्तक एक स्पष्ट मार्गदर्शन पेश करती है।
📚 “समाज का मेरुंडंड – सशक्त परिवार तंत्र” हर उस व्यक्ति के लिए है जो घर से समाज को बेहतर बनाने की दिशा में कार्यरत है। यह पुस्तक परिवार को मजबूत करती है और समाज में युग-निर्माण की दिशा में पहला कदम साबित होती है।
ब्रांड: युग निर्माण योजना ट्रस्ट |
लेखक : पं श्रीराम शर्मा आचार्य |
भाषा : Hindi |