भव्य समाज का अभिनव निर्माण
🔶 पुस्तक की संक्षिप्त झलक
यह पुस्तक समाज रचना के शाश्वत सिद्धांतों का अभिनव प्रास्ताविक रूप है। इसमें बताया गया है कि परिवार, समाज और राष्ट्र—तीनों का नवीन निर्माण केवल सोच में परिवर्तन के द्वारा संभव है। अपने को ऋणी महसूस करते हुए, हमें ऋण लादकर मरने की प्रवृत्ति छोड़ समग्र सहकार, नवीन विचार, और समृद्ध आचरण की ओर अग्रसर होना चाहिए।
🌟 मुख्य आकर्षक बिंदु
शाश्वत सामाजिक सिद्धांत: जीवन–निर्माण, सहयोग और नैतिक आचरण पर आधारित
परिवार से समाज निर्माण: पहले आत्म‑निर्माण, फिर परिवार, अंत में समाज–देश का निर्माण
ऋण और जिम्मेदारी: बोझ न बनें—समाज में योगदान दें, बिल दें
आचरण पर बल: न केवल सोच, बल्कि दैनिक व्यवहार में बदलाव की प्रेरणा
समग्र प्रगति: व्यक्तिगत और सामाजिक दोनों स्तरों की उन्नति की राह दिखाती है
👤 किसके लिए उपयुक्त?
युवा, गृहिणियाँ, शिक्षक, जो समाज‑निर्माण में सक्रिय योगदान देना चाहते हैं
समाजसेवी, कलाकार, जिन्हें सही दिशा में योगदान देने की प्रेरणा चाहिए
परिवारगण, जो एक सफल परिवार से सशक्त समाज बनाने का स्वप्न देखते हैं
गायत्री परिवार और विचारक्रांति समर्थक, जो समाज के पुनर्निर्माण में योगदान करना चाहते हैं
🌱 पढ़ने से क्या होगा लाभ?
व्यक्तिगत उत्तरदायित्व की अनुभूति
समूह‑घटक और सामाजिक सहयोग की समझ
आचरण‑आधारित बदलाव जो जीवन की गुणवत्ता बढ़ाता है
नवीन विचार और नैतिक बल जो समाज उन्नति के मार्ग खोलते हैं
परिवार से राष्ट्र निर्माण की रूपरेखा, जिसे व्यवहार में लागू किया जा सकता है
✅ क्यों यह किताब खरीदें?
मात्र ₹150 में यह पुस्तक 500+ विचारों का खज़ाना लेकर आती है
सरल भाषा में जीवन और चरित्र निर्माण के मूलमंत्र सिखाती है
दूसरे संस्करण (1998) में सुधारित और संपूर्ण सामग्री शामिल है
हल्के वजन (करीब 300–350 पृष्ठ), हार्डकॉवर, पढ़ने में सहज
📌 यह पुस्तक परिवार और समाज के निर्माण का एक मार्गदर्शक है—जहाँ व्यक्तिगत बदलाव से शुरू होकर समाज और राष्ट्र निर्माण तक का सफर तय होता है। सही दिशा के लिए इसे आज ही अपने कार्ट में जोड़ें!
ब्रांड: युग निर्माण योजना ट्रस्ट |
लेखक : पं श्रीराम शर्मा आचार्य |
भाषा : Hindi |