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मर्यादा पुरुषोत्तम राम

🎯 पुस्तक का उद्देश्य और सारांश

यह पुस्तक हमें श्रीराम की उस जीवन-यात्रा के करीब लाती है, जिसमें उन्होंने मर्यादा (नैतिकता) का सर्वोच्च आदर्श स्थापित किया। ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ श्रीराम सिर्फ एक धर्मीय व्यक्ति नहीं, बल्कि धर्म का प्रतीक, सच्चे पुत्र, आदर्श पति, बहादुर भाई, कुशल राजन, जनता के सच्चे मित्र और संपूर्ण मनुष्यत्व के आदर्श हैं। पं. श्रीराम शर्मा आचार्य ने इस ग्रंथ में इन्हीं विभिन्‍न रूपों का चित्रण करते हुए बताया है कि कैसे हर प्रसंग में राम ने मर्यादाओं का पालन करते हुए आदर्श जीवन जिया।

🌟 मुख्य विषय-वस्तु

  • परलोक-त्याग और पिता के प्रति सम्मान
    जब उन्हें अपने पिता को वचन निभाने हेतु मांग से वनवास स्वीकारना पड़ा, तो उन्होंने न सिर्फ मर्यादित आचरण दिखाया, बल्कि अपने आदर्शों की रक्षा भी की।

  • दाम्पत्य में आदर्श निष्ठा
    माता सीता के साथ राम का संबंध समर्पण, आदर और प्यार का प्रतीक है। वनवास में साथ रहना और सीता का बचाव—इन कृत्यों से उनका चरित्र और भी ऊँचा बन गया।

  • दादा, भाई और मित्र—सर्वश्रेष्ठ भूमिका निभाना
    लक्ष्मण के प्रति सहयोग, भरत के प्रति त्याग, और हनुमान व वानरों के साथ मित्रता—इन रिश्तों में राम ने आदर्श दृष्टांत प्रस्तुत किए।

  • राजा-हित और न्याय की स्थापना
    जब काकुत्स्थ राजगद्दी संभाली, तब राम ‘रामराज्य’ की स्थापना में एक समृद्ध, न्यायपूर्ण और संतुलित राजतंत्र का मार्गदर्शन करते हैं।

  • रावण वध और अधर्म निवारण
    रावण का वध अधर्म का अंत साबित हुआ, लेकिन यह भी राम की मर्यादा-पूर्ण युद्ध नीति का प्रतिफल था—जहाँ धर्माधिकरण ही सर्वोपरि था।

🌱 पढ़ने से क्या मिलेगा?

  • चरित्र निर्माण का मॉडल श्रीराम का जीवन हमें सक्षम बनाता है सेवा और मर्यादात्मक कर्तव्यों को सहजता से अपनाने के मार्ग पर।

  • नैतिक संतुलन और जीवन दृष्टि उनके उदाहरण हमें बतलाते हैं कि कैसे कठिनाइयों में भी धैर्य, सहनशीलता, और सत्यपरायणता बनाए रखी जा सकती है।

  • नेतृत्व और आदर्श शासन रामराज्य का आदर्श वर्तमान दौर में भी प्रासंगिक है—जहाँ न्याय, समानता और मानवता सर्वोपरि होती है।

  • आत्मिक-आवरण में मर्यादा की प्रतिष्ठा उनसे मानव चेतना में मर्यादा, सम्मान और आत्मबल की महत्ता पता चलती है।

👥 कौन इसे पढ़े?

  • छात्र और युवा जो चरित्र निर्माण और प्रबुद्धता के मार्ग पर अग्रसर हैं।

  • शिक्षक, नेता और समाजसेवी, जो नैतिक नेतृत्व प्रेरित करना चाहते हैं।

  • आध्यात्मिक साधक – जो जीवन को धर्म, मर्यादा और कर्म-परायणता के साथ जीना चाहते हैं।

  • वे सभी जो आदर्श परिवार, समाज और राष्ट्र का निर्माण चाह रहे हैं।

विचार-प्रेरक सारांश

पुस्तक श्रीराम के बहुआयामी जीवन को एक प्रेरणा स्रोत मानकर प्रस्तुत करती है। उनके आदर्शों—कर्तव्यपरायणता, मर्यादा, प्रियोजनिष्ठा, सेवा, त्याग, सत्यप्रियता—पर चलकर हमें यह मार्गदर्शन मिलता है कि जीवन को केवल भोग और नाम-नामकरण से ऊपर उच्‍च स्तर पर ले जाया जा सकता है।

📚 “मर्यादा पुरुषोत्तम राम” उनके अमर आदर्शों की सम्मोहक प्रस्तुति है—जो जीवन के हर पहलू में संतुलन, मर्यादा और महानता का पाठ पढ़ाती है। यदि आप अपने जीवन या समाज को आदर्शों की दिशा में संचालित करना चाहते हैं, तो यह पुस्तक आपका सबसे सशक्त साथी होगी।

₹ 150.00 ₹ 150.00 (Tax included)
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लेखक : पं श्रीराम शर्मा आचार्य
भाषा : Hindi