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अपरिमित संभावनाओं का आगार मानवी व्यक्तित्व

🔶 पुस्तक का सार

यह पुस्तक मानवीय व्यक्तित्व की गहराई, शक्ति और उसकी असीम संभावनाओं का वर्णन करने वाली अद्वितीय रचना है। पं. श्रीराम शर्मा आचार्य के दृष्टिकोण में मानव केवल एक जैविक संरचना नहीं, अपितु ईश्वरीय चेतना का सजीव केंद्र है। यदि उसे सही दिशा, ऊर्जा और विचार मिलें, तो वह समाज और स्वयं दोनों के लिए एक चमत्कार बन सकता है।

यह पुस्तक पाठकों को आत्म-विश्लेषण, व्यक्तित्व निर्माण, और सामाजिक योगदान के लिए प्रेरित करती है। इसमें यह बताया गया है कि हर मानव में जन्मजात महानता है, जिसे निखार कर वह जीवन को एक मिशन बना सकता है।

🔷 मुख्य विषय-वस्तु और अध्यायगत झलक

  1. व्यक्तित्व की परिभाषा और संरचना
    – शरीर, मन, बुद्धि, चित्त और आत्मा से मिलकर बना व्यक्ति
    – व्यक्तित्व केवल रूप, वाणी या व्यवहार नहीं, बल्कि विचारों और आदर्शों का दर्पण है।

  2. स्वभाव और प्रवृत्तियाँ
    – मनुष्य की प्रवृत्तियाँ संस्कारों और चिंतन से निर्मित होती हैं।
    – विचार क्रांति द्वारा इन्हें बदला जा सकता है।

  3. अंतरात्मा की शक्ति
    – आत्मा ही वह स्रोत है जहाँ से इच्छा, संकल्प और प्रेरणा का जन्म होता है।
    – योग, ध्यान और साधना के द्वारा इसे जाग्रत किया जा सकता है।

  4. आत्मबल और संकल्पशक्ति का विकास
    – आत्मविश्वास और संकल्पशक्ति ही व्यक्तित्व की रीढ़ है।
    – पुस्तक में ऐसे अभ्यास सुझाए गए हैं जो इन गुणों को मजबूत करते हैं।

  5. नेतृत्व, व्यवहार और संवाद
    – प्रभावशाली व्यक्तित्व कैसे बनता है: वाणी की मर्यादा, व्यवहार में विनम्रता और आचरण में निष्कलंकता।
    – संगठन, समाज और परिवार में अपने व्यक्तित्व के प्रभाव का विस्तार कैसे करें।

  6. मानवीय गुणों का पोषण
    – करुणा, सेवा, विनम्रता, धैर्य, अनुशासन और सत्यनिष्ठा जैसे गुणों का अभ्यास।
    – इन्हें बाल्यकाल से ही व्यक्तित्व का हिस्सा कैसे बनाएं।

  7. व्यक्तित्व विकास के शत्रु
    – आलस्य, क्रोध, द्वेष, ईर्ष्या और अहंकार – इनसे बचने के उपाय।
    – मानसिक स्वच्छता के लिए ध्यान और आत्ममंथन।

🔹 यह पुस्तक उपयोगी है:

  • युवाओं के लिए, जो अपने व्यक्तित्व को नेतृत्व, सेवा और सद्गुणों की ओर ले जाना चाहते हैं।

  • शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए, जिन्हें आत्म-संवर्धन और संस्कारों का महत्व समझना है।

  • नेताओं, समाजसेवियों और संगठकों के लिए, जो प्रेरक व्यक्तित्व बनना चाहते हैं।

  • साधकों और अध्यात्मिक खोजियों के लिए, जो आत्मोन्नति के साथ लोकमंगल की साधना करना चाहते हैं।

  • गायत्री परिवार और विचार क्रांति आंदोलन से जुड़े सदस्यों के लिए – यह पुस्तक उनका मूल दर्शन स्पष्ट करती है।

🌱 पुस्तक पढ़ने के लाभ

  • आत्म-ज्ञान और आत्मबल की प्राप्ति

  • सकारात्मक सोच और संकल्प-शक्ति का विकास

  • नेतृत्व और प्रेरणादायक व्यवहार की कला

  • मानसिक संतुलन और भावनात्मक परिपक्वता

  • लोकहित और राष्ट्रनिर्माण में भागीदारी की प्रेरणा



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लेखक : पं श्रीराम शर्मा आचार्य
भाषा : Hindi