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अथर्ववेद संहिता भाग-2

अथर्ववेद संहिता - भाग 2: ज्ञान और कर्म का अद्भुत संगम 

भारतीय ज्ञान परंपरा का एक अमूल्य धरोहर - अथर्ववेद!

क्या आप प्राचीन भारतीय संस्कृति, आयुर्वेद, तंत्र-मंत्र, और सामाजिक जीवन के गूढ़ रहस्यों को जानने में रुचि रखते हैं? यदि हाँ, तो "अथर्ववेद संहिता - भाग 2" आपके लिए ज्ञान का एक अद्भुत खजाना सिद्ध होगा। यह पुस्तक, अथर्ववेद के उस विशाल ज्ञान भंडार का दूसरा महत्वपूर्ण भाग है, जो मानव जीवन के लौकिक और आध्यात्मिक पहलुओं पर गहरा प्रकाश डालता है।

अथर्ववेद, चार वेदों में से एक है, जिसे अक्सर व्यावहारिक ज्ञान का वेद माना जाता है। यह ऋग्वेद और यजुर्वेद की स्तुति और यज्ञीय कर्मकांडों से अलग, जीवन की वास्तविकताओं, जैसे - स्वास्थ्य, रोग निवारण, कृषि, गृह निर्माण, सामाजिक संबंध, शत्रु निवारण, और आध्यात्मिक उन्नति जैसे विषयों पर केंद्रित है।

"अथर्ववेद संहिता - भाग 2" में आपको क्या मिलेगा?

इस भाग में अथर्ववेद के महत्वपूर्ण मंत्र, सूक्त और प्रार्थनाएं संकलित हैं, जो निम्नलिखित विषयों पर विस्तृत जानकारी प्रदान करते हैं:

  • आयुर्वेद और स्वास्थ्य: विभिन्न रोगों के निवारण के लिए प्रभावशाली मंत्र और जड़ी-बूटियों के उपयोग का वर्णन। यह प्राचीन चिकित्सा पद्धति के ज्ञान को समझने में सहायक है।

  • सामाजिक जीवन और सद्भाव: परिवार, समुदाय और राष्ट्र में शांति, एकता और सद्भाव स्थापित करने के लिए प्रेरणादायक सूक्त।

  • शत्रु निवारण और सुरक्षा: नकारात्मक शक्तियों और शत्रुओं से सुरक्षा के लिए शक्तिशाली मंत्र और अनुष्ठान।

  • कृषि और समृद्धि: अच्छी फसल, पशुधन की सुरक्षा और आर्थिक उन्नति के लिए प्रार्थनाएं और कर्मकांड।

  • गृह निर्माण और वास्तु: घर बनाने के लिए शुभ मुहूर्त, भूमि चयन और वास्तु सिद्धांतों का उल्लेख।

  • आध्यात्मिक ज्ञान और मोक्ष: आत्मा, परमात्मा और जीवन के परम लक्ष्य से संबंधित गूढ़ ज्ञान और चिंतन।

  • विविध लौकिक और व्यावहारिक ज्ञान: इसके अतिरिक्त, इस भाग में विभिन्न प्रकार की समस्याओं के समाधान और जीवन को सुखमय बनाने से संबंधित अनेक मंत्र और उपाय वर्णित हैं।

यह पुस्तक किसके लिए है?

यह पुस्तक उन सभी जिज्ञासु पाठकों के लिए अत्यंत उपयोगी है जो:

  • अथर्ववेद के विशाल ज्ञान भंडार से परिचित होना चाहते हैं।

  • प्राचीन भारतीय संस्कृति और जीवनशैली को गहराई से समझना चाहते हैं।

  • आयुर्वेद, ज्योतिष और वास्तु जैसे प्राचीन विज्ञानों में रुचि रखते हैं।

  • अपने दैनिक जीवन की समस्याओं के समाधान के लिए वैदिक ज्ञान की तलाश में हैं।

  • आध्यात्मिक उन्नति और आंतरिक शांति की खोज में हैं।

  • शोधकर्ताओं और विद्वानों के लिए भी यह पुस्तक एक महत्वपूर्ण संदर्भ सामग्री है।

इस पुस्तक की विशेषताएं:

  • मूल संस्कृत मंत्रों का प्रामाणिक संकलन।

  • विद्वानों द्वारा सरल और स्पष्ट हिंदी अनुवाद (यदि पुस्तक में अनुवाद उपलब्ध है)।

  • विषयों का व्यवस्थित प्रस्तुतिकरण, जिससे समझना आसान हो जाता है।

  • प्राचीन ज्ञान को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में समझने में सहायक।

"अथर्ववेद संहिता - भाग 2" केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि यह प्राचीन भारत के सामाजिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक ज्ञान का एक जीवंत दस्तावेज है। इस पुस्तक के अध्ययन से आपको न केवल ज्ञान प्राप्त होगा, बल्कि जीवन को बेहतर बनाने की प्रेरणा भी मिलेगी।

आज ही "अथर्ववेद संहिता - भाग 2" को अपनी संग्रह में शामिल करें और भारतीय ज्ञान परंपरा की गहराई में गोता लगाएँ!

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लेखक : पं श्रीराम शर्मा आचार्य