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Hamari Bhawi Pidhi Aur Uska Navnirman

🎯 पुस्तक का उद्देश्य

यह पुस्तक आने वाली पीढ़ी—युवा और बच्चे—को नैतिक, संपूर्ण और सामाजिक चेतना से सशक्त बनाने पर केंद्रित है। पं. श्रीराम शर्मा आचार्य का दृष्टिकोण है कि अगली पीढ़ी का निर्माण केवल शिक्षा से नहीं, बल्कि संस्कार, जीवन मूल्यों और परिवार-परिप्रेक्ष्य से भी होता है। यदि यह आधार मज़बूत होगा, तो राष्ट्र को दीर्घकाल तक सशक्त रखा जा सकता है 

🧭 मुख्य विषय-वस्तु और गहराई

1. समाज में नैतिक चेतना का ह्रास

आज का समाज ग़रीबी और भौतिकता की दौड़ में फंसा हुआ है। जब अभिभावक और युवा स्वयं स्वार्थी व्यवहार करते हैं, तो समाज में आपसी विश्वास और नैतिक सह-अस्तित्व की भावना क्षीण हो जाती है ।

2. नवनिर्माण की आवश्यकता

अभिभावकों को बच्चों की ओर समय दें—परिवार में संस्कार, आदर्श और जिम्मेदारी का वातावरण तैयार करें। घर पर यह भूमिकाएँ खेलकर बच्चों में स्वाभाविक रूप से जाग्रत हो जाती हैं 

3. गर्भकाल से संस्कार विकास

पुस्तक बताती है कि प्रारंभिक संस्कार माता के गर्भ और बचपन से ही शुरू हो जाते हैं। यदि प्रारंभ से ही सही दिशा मिले तो बच्चे भावनात्मक, आत्मिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनते हैं ।

4. घरेलू अनुभव व व्यवहार

– घरेलू कार्यों में बच्चे स्वयं भाग लें (खाते परोसना, घर का हिसाब रखना)।

– उनके मित्रों के साथ समान व्यवहार रखें, जिससे उनमें आत्मविश्वास तथा आदर्श सहयोग विकसित हो सके ।

5. संवाद और भरोसे का निर्माण

– बच्चों को बातचीत में शामिल करें, जिससे उनमें आत्मसम्मान और सामाजिक दृष्टिकोण विकसित हो।

– उन्हें समझने का अवसर दें—गलती करने पर प्रेमपूर्वक सुधार करें और अपने प्रति भरोसा बढ़ाएँ 

6. समानता और अनुशासन

– असंख्य दोस्त और रिश्तेदारों के बीच समानता का भाव जरूरी है।

– व्यवहार, पहनावा, आचरण के नियम सिखाएँ—जिससे सहयोग, मिलनसारिता और सुसंस्कृतता उत्पन्न हो सके ।

🌱 पढ़ने से मिलने वाले लाभ

  • व्यवहारिक संस्कार निर्माण: खेलकूद, संवाद और छोटे-छोटे उत्तरदायित्वों से संस्कारी और जिम्मेदार जीवनशैली सिखा सकते हैं।

  • मानव मूल्यों में वृद्धि: प्यार, सहयोग, समानता, आत्म‑विश्वास जैसे गुण विकसित होते हैं।

  • सशक्त सामाजिक दृष्टिकोण: बच्चे यह समझते हैं कि वे समाज के अभिन्न अंग हैं और उनके कर्म समाज को आकार देते हैं।

  • शिक्षा में समर्थन: विद्यालयों के अतिरिक्त, घर पर संस्कार और परिचर्चा बच्चे को बहुआयामी बनाते हैं।

👥 किसके लिए है?

  • माता-पिता और अभिभावक, जो परिवार को संस्कार-निर्मित माहौल बनाना चाहते हैं

  • शिक्षक, समाजसेवी, जो समग्र व्यक्ति विकास के पथदर्शक हैं

  • युवा जो जीवन-चिंतन और जिम्मेदार नागरिक बनना चाहते हैं

  • गयत्री परिवार एवं विचारक्रांति समर्थक, जो युगीय निर्माण में रुचि रखते हैं

🧩 संक्षेप सारांश

संदर्भविशेषता
परिवारसंस्कार की प्राथमिक तपस्थली
बच्चेभविष्य के राष्ट्र-निर्माता
संस्कारस्वाभाविक और जीवनपरक
परिणामशिक्षित, संवेदनशील, नैतिक पीढ़ी

📚 “हमारी भावी पीढ़ी और उसका नवनिर्माण” एक प्रेरणादायक मार्गदर्शक है जो घर से लेकर समाज तक के विस्तार में संस्कृति, शिक्षा और नैतिकता के माध्यम से नई पीढ़ी का निर्माण साकार करता है। अपनी अगली पीढ़ी को संस्कारित करें—आज ही इसे अपने कार्ट में जोड़ें!




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Brand: Yug Nirman Yojna Trust
Author: Pandit Sriram Sharma Acharya


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