Aatmotkarsh Ka Aadhar - Gyan (The basis of self-development is knowledge)
‘आत्मोत्कर्ष का आधार–ज्ञान’ एक ऐसी प्रेरणादायक और आध्यात्मिक पुस्तक है, जो आत्मा की गहराई में जाकर विकास का मार्ग प्रशस्त करती है। इसमें बताया गया है कि जीवन में वास्तविक उन्नति का आधार केवल बाह्य साधन नहीं, बल्कि आंतरिक चेतना का जागरण है। गायत्री साधना और आत्मिक अनुशासन के माध्यम से व्यक्ति अपने भीतर छिपी दिव्यता को कैसे पहचान सकता है और उसे क्रियान्वित कर सकता है — इस पर विस्तृत प्रकाश डाला गया है।
🔷 गायत्री साधना का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण:
पुस्तक में बताया गया है कि गायत्री मंत्र के 24 अक्षर केवल ध्वनि नहीं, बल्कि शक्तिबीज हैं, जो जब सही उच्चारण और भावना के साथ साधना में उपयोग किए जाएँ तो साधक की मानसिक, आध्यात्मिक और आत्मिक स्थिति में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकते हैं।
यह अनुभूति साधकों को प्राणशक्ति, धैर्य, आत्मविश्वास, और चिंतन की स्पष्टता जैसे गुणों से भर देती है।
🌀 व्यवहारिक दृष्टिकोण से आत्मोत्कर्ष की प्रक्रिया:
इस पुस्तक में केवल सैद्धांतिक बातें नहीं, बल्कि वास्तविक जीवन में इन्हें अपनाने के उपाय भी दिए गए हैं।
– साधना, आत्मीयता और सेवा – इन तीन स्तंभों को आत्मिक प्रगति का आधार बताया गया है।
– नैतिक बल, विवेकशीलता और जिम्मेदारी के साथ जीवन जीने की दिशा दी गई है।
– यह पुस्तक गायत्री परिवार के विचार क्रांति अभियान का एक अभिन्न अंग है, जिसका उद्देश्य है – व्यक्ति में आत्मबोध और समाज में सांस्कृतिक नवजागरण।
🌱 यह पुस्तक विशेष रूप से उपयोगी है:
गायत्री मंत्र की गहराई को समझना और साधना में उपयोग करना चाहने वालों के लिए।
आध्यात्मिक साधक, जो आत्मबल और मानसिक स्थिरता की तलाश में हैं।
विद्यार्थी और युवा, जो अपने जीवन में स्पष्टता, संयम और विचारशक्ति लाना चाहते हैं।
समाजसेवी, शिक्षक और संस्कारकर्मी, जो व्यक्तित्व निर्माण और नैतिक उत्थान के पथ पर अग्रसर हैं।
गायत्री परिवार और विचार क्रांति अभियान से जुड़ने वाले नए सदस्यों के लिए एक बुनियादी पाठ्यपुस्तक के रूप में।
🔮 पुस्तक से होने वाले लाभ:
साधना और विचार-शुद्धि के माध्यम से आत्म-शक्ति का विकास
मानसिक शांति, आत्म-संयम और जीवन के प्रति गहन दृष्टिकोण
व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में संतुलन और विवेकपूर्ण निर्णय लेने की क्षमता
लोकमंगल की भावना और कर्मयोग की प्रेरणा
Brand: Yug Nirman Yojna Trust |
Author: Pandit Sriram Sharma Acharya |
Language: Hindi |