Skip to Content

Manushya Mein Dewatwa Ka Udaya (The emergence of divinity in man)

🎯 पुस्तक का उद्देश्य और सारांश

यह पुस्तक बताती है कि मनुष्य केवल एक जैविक शरीर नहीं, बल्कि एक दिव्य सत्ता है। उसके भीतर देवत्व की संभावनाएँ उसी प्रकार छिपी हैं, जैसे बीज में वृक्ष, लौ में प्रकाश, और विचार में क्रांति। यह ग्रंथ व्यक्ति को आह्वान करता है कि वह अपने भीतर सोए हुए देवत्व को पहचानें, जाग्रत करें और उसे जीवन के व्यवहार में लाएँ।

पं. श्रीराम शर्मा आचार्य के विचारों के अनुसार, "ईश्वर" की खोज बाहर नहीं, भीतर करनी चाहिए। जब मनुष्य अपने व्यक्तित्व को आत्मबोध, सेवा, करुणा, साहस, संयम और सत्य जैसे दिव्य गुणों से पुष्ट करता है, तब वह स्वयं ईश्वर का साक्षात्कार करता है। पुस्तक स्पष्ट करती है कि यह कोई काल्पनिक कल्पना नहीं, बल्कि जीवन को ऊँचा उठाने का व्यावहारिक और तर्कसंगत मार्ग है।

🌟 मुख्य विषय-वस्तु और प्रेरक विचार

  • देवत्व का वास्तविक अर्थ
    देवता कोई मूर्ति नहीं, बल्कि ऐसे गुण हैं जो व्यक्ति को श्रेष्ठ बनाते हैं—जैसे उदारता, निर्भयता, प्रेम, त्याग और परमार्थ। जब ये गुण जीवन में उतरते हैं, तो मनुष्य स्वयं देवता जैसा बन जाता है।

  • साधना और आत्म-विकास का मार्ग
    पुस्तक बताती है कि देवत्व कोई अचानक घटने वाली घटना नहीं, बल्कि साधना, आत्मचिंतन, और नैतिक अनुशासन का परिणाम है। नियमित जीवन, संयम, सत्कर्म और लोकसेवा ही इसके वास्तविक उपाय हैं।

  • इतिहास और महापुरुषों के उदाहरण
    ग्रंथ में महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद, महर्षि अरविंद, रवींद्रनाथ टैगोर जैसे महापुरुषों के जीवन प्रसंगों के माध्यम से यह स्पष्ट किया गया है कि कैसे आत्मिक गुणों के जागरण से एक सामान्य मनुष्य युगद्रष्टा बन सकता है।

  • आध्यात्म और विज्ञान का समन्वय
    लेखक यह भी स्पष्ट करते हैं कि अध्यात्म का अर्थ केवल पूजा-पाठ नहीं, बल्कि वैज्ञानिक आधारों पर जीवन की ऊर्जा और दिशा को समझना है। आत्मा, मन, विचार और भावनाएँ भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझने योग्य विषय हैं।

  • स्वर्ग और पुण्य का आधुनिक दृष्टिकोण
    पुस्तक में यह विचार रखा गया है कि स्वर्ग कोई स्थान नहीं, बल्कि वह मानसिक स्थिति है जहाँ व्यक्ति शांति, संतोष और दिव्यता का अनुभव करता है। पुण्य वे कार्य हैं जो मन, समाज और आत्मा के लिए हितकारी हों।

🌱 पढ़ने से क्या लाभ मिलेगा?

  • आत्मबोध और आत्मबल का विकास

  • संकल्प, चरित्र और नेतृत्व क्षमता का संवर्धन

  • जीवन के उद्देश्य की गहराई से समझ

  • सेवा, संयम और करुणा का भाव

  • नैतिकता और अध्यात्म का व्यावहारिक मार्गदर्शन

👥 कौन इसे पढ़े?

  • वे युवा जो जीवन को लक्ष्यपूर्ण और ऊर्जावान बनाना चाहते हैं

  • शिक्षक, प्रशिक्षक और समाजसेवी, जो प्रेरणास्रोत बनना चाहते हैं

  • साधक, जो आत्मविकास और ईश्वर की अनुभूति के पथ पर हैं

  • युग निर्माण और राष्ट्रनिर्माण के कार्य से जुड़े व्यक्ति

📚 “मनुष्य में देवत्व का उदय” केवल एक पुस्तक नहीं, बल्कि एक आंतरिक यात्रा का प्रारंभ है। यह हर उस व्यक्ति के लिए है जो अपने भीतर छिपी दिव्यता को पहचानकर, उसे जीवन में उतारकर, समाज और संसार को सुंदर बनाना चाहता है। यदि आप अपने जीवन को अर्थपूर्ण, प्रभावशाली और आध्यात्मिक ऊँचाइयों से भरना चाहते हैं, तो यह पुस्तक आपके लिए एक पथप्रदर्शक होगी।

₹ 150.00 ₹ 150.00 (Tax included)
₹ 150.00 (Tax included)

  • Brand
  • Author
  • Language
Terms and Conditions
30-day money-back guarantee
Shipping: 2-3 Business Days
Brand: Yug Nirman Yojna Trust
Author: Pandit Sriram Sharma Acharya
Language: Hindi