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Vishwa Vasudha Jinki Sada Rini Rahegi (The world will always be indebted to him)

🎯 पुस्तक का उद्देश्य एवं सारांश

यह पुस्तक उन महान चिंतकों, विचारकों और संस्कृति-निर्माताओं को समर्पित है, जिनके योगदान के माध्यम से “विश्व वसुधा”—यानी समस्त मानवता—हम सभी ऋणी है। लेखक पं॰ श्रीराम शर्मा आचार्य जी के समृद्ध वाङ्मय का यह 52वां ग्रंथ उनकी गहन सोच और वैश्विक दृष्टिकोण का परिपूर्ण उदाहरण है। इसमें अठारहवीं सदी से वर्तमान समय तक के अन्तरराष्ट्रीय साहित्यकारों, दार्शनिकों, आध्यात्मिक गुरुओं एवं समाज-सुधारकों के जीवन-प्रसंग और विचार आत्मीयता से प्रस्तुत हैं ।

🌍 मुख्य विषय-वस्तु

  • विश्व-पुरुषों की प्रेरणास्पद जीवनयात्राएँ
    महात्मा कल्लट, खलील जिब्रान, रवींद्रनाथ टैगोर से लेकर दांते, शेक्सपियर, टॉल्स्टॉय तक—इन व्यक्तित्वों के जीवन से जुड़ी प्रेरणाएँ उपाशीर्षक रूप में संकल्पित हैं। इनके संघर्ष, विचारों और लेखन से लेखक ने यह सन्देश देने की कोशिश की है कि कैसे एक-एक व्यक्ति ने इतिहास और मानव चेतना को गर्मजोशी दी ।

  • भारतीय-सांस्कृतिक योगदान
    तुलसीदास, मीरा बाई, सूरदास, निराला जैसे भारतीय रचनाकारों को भी आदर से सम्मिलित करते हुए दिखाया गया है कि भारत के संत-साधु, कवि और विचारकों की अमूल्य दृष्टि विश्व-चेतना को वेद के सिद्धांतों से जोड़ती है ।

  • वैचारिक चेतना का संकलन
    जीवन की गहनता और साहित्य-पद्धति में मर्यादा लाने वाले इन व्यक्तियों के गुणों के माध्यम से लेखक ने यह स्पष्ट किया है कि विचार, चरित्र, सेवा और चेतना से ही मानवता का सर्वांगीण विकास संभव है ।

🌱 पुस्तक से क्या लाभ मिलेगा?

  • वैश्विक दृष्टिकोण और सांस्कृतिक आत्मबोध
    व्यक्ति को यह समझने में मदद मिलती है कि विचार और कार्य की नींव कितनी सशक्त हो सकती है—भाषा, देश या समय के परे।

  • आध्यात्मिक और नैतिक प्रेरणा
    इन महान विभूतियों की सच्चाई, समर्पण और सेवा-भावना हमारे जीवन को आदर्श-आधारित दिशा देते हैं।

  • लेखन-चेतना और साहित्यिक सृजन
    लेखन के भीतर छिपे दृष्टांत जैसे सत्य, विचार, अनुभव और उदात्तता को अपने लेखन या बोली में शामिल कर सकते हैं।

  • चरित्र निर्माण: समर्पण और साहस
    इन महापुरुषों के चरित्र गौरव से पाठक अपना निर्णय-स्त्रोत, संयम और साहस सुधार सकता है।

  • विश्वबंधुत्व की अनुभूति
    वैश्विक राष्ट्र-नामक दृश्य को पार करते हुए यह पुस्तक भावनात्मक रूप से “विश्व को एक परिवार” मानने की प्रेरणा देती है।

👥 पुस्तक किनके लिए उपयोगी है?

  • युवा, विद्यार्थी और चिंतक, जो अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण, साहित्य, दर्शन सीखना चाहते हैं

  • लेखन-प्रेमी, शिक्षक और शोधकर्ता, जो पात्रों व जीवन-दृष्टांत से प्रेरणा लेना पसंद करते हैं

  • समाजसेवी, प्रेरक वक्ता, जो चरित्र निर्माण, नैतिकता और परमपात्रों के प्रति सम्मान प्रसारित करना चाहते हैं

  • आध्यात्मिक यात्रियों, जो विश्वधर्म, मानवता और समर्पण को जीवन में अनुभव करना चाहते हैं

संक्षिप्त निष्कर्ष

विश्व वसुधा जिनकी सदा ऋणी रहेगी” खोज और श्रद्धा का अद्भुत संगम है: जहाँ विचार, चरित्र और सांस्कृतिक धरोहर एकसाथ संसार-पूजन बनकर पाठक को विश्व-समृद्धि की सम्मान-संवेदना की ओर अग्रसर करती है। यह पुस्तक प्रेरित करती है कि हम उन लोगों की परंपरा को आगे बढ़ाएँ, जिन्होंने मानव समृद्धि और धर्म-नैतिकता में दीर्घकालीन योगदान दिया।

📚 यदि आप जीवन में वैश्विक दृष्टि, दार्शनिक गहराई और संस्कृतिपूर्ण चरित्र चाहते हैं—तो यह पुस्तक आपके लिए एक अमूल्य साथी सिद्ध होगी। इसे अपने संग्रह का हिस्सा बनाएं और 'विश्व वसुधा' के प्रति अपनी ऋण-भावना जगाएँ।

₹ 150.00 ₹ 150.00 Tax Excluded
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Brand: Yug Nirman Yojna Trust
Author: Pandit Sriram Sharma Acharya
Language: Hindi


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