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Jyotish Piyush (Janm Kundali Kaise Banaye)

ज्योतिष पीयूष (जन्म कुंडली कैसे बनाएं, कैसे देखें) - एक परिचय

क्या आप ज्योतिष शास्त्र की गूढ़ विद्या को सरल भाषा में समझना चाहते हैं?

क्या आप अपनी जन्म कुंडली स्वयं बनाना और उसका विश्लेषण करना सीखना चाहते हैं?

तो यह पुस्तक, "ज्योतिष पीयूष (जन्म कुंडली कैसे बनाएं, कैसे देखें)", आपके लिए एक अद्भुत मार्गदर्शन सिद्ध होगी। यह पुस्तक ज्योतिष के मूल सिद्धांतों से लेकर जन्म कुंडली बनाने और उसका फलादेश करने की संपूर्ण प्रक्रिया को आसान भाषा में प्रस्तुत करती है।

इस पुस्तक में आपको क्या मिलेगा?

यह पुस्तक ज्योतिष विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को क्रमबद्ध तरीके से समझाती है, जिससे पाठक आसानी से इस जटिल विषय को आत्मसात कर सकते हैं। इसमें मुख्य रूप से निम्नलिखित विषयों को शामिल किया गया है:

  • ज्योतिष का परिचय: ज्योतिष शास्त्र का अर्थ, महत्व और विभिन्न शाखाओं का संक्षिप्त परिचय।

  • खगोल विज्ञान के मूल सिद्धांत: राशि चक्र, नक्षत्र, ग्रह, और उनकी चाल का ज्योतिषीय दृष्टिकोण से महत्व।

  • जन्म कुंडली क्या है?: जन्म कुंडली का अर्थ, जन्म समय और स्थान का महत्व, और कुंडली का निर्माण क्यों आवश्यक है।

  • जन्म कुंडली कैसे बनाएं?: हस्तनिर्मित कुंडली बनाने की सरल विधि, जिसमें राशि, नक्षत्र, लग्न आदि का निर्धारण करना सिखाया गया है। साथ ही, आधुनिक सॉफ्टवेयर और ऑनलाइन उपकरणों का उपयोग करने के बारे में भी मार्गदर्शन दिया गया है।

  • ग्रहों का परिचय: नवग्रहों (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु) का ज्योतिषीय महत्व, उनके कारकत्व और विभिन्न भावों में उनका प्रभाव।

  • राशियों का परिचय: बारह राशियों (मेष से मीन तक) के स्वामी ग्रह, उनके स्वभाव, विशेषताएं और मानव जीवन पर उनका प्रभाव।

  • नक्षत्रों का परिचय: सत्ताईस नक्षत्रों के नाम, उनके स्वामी ग्रह और प्रत्येक नक्षत्र की विशिष्ट विशेषताओं का वर्णन।

  • भावों का परिचय: जन्म कुंडली के बारह भावों (प्रथम भाव से द्वादश भाव तक) का महत्व और प्रत्येक भाव से संबंधित विषयों (जैसे स्वास्थ्य, धन, परिवार, शिक्षा, करियर आदि) का विश्लेषण।

  • ग्रहों की दृष्टियां: ग्रहों की दृष्टियों का अर्थ और जन्म कुंडली के विभिन्न भावों पर उनका प्रभाव।

  • युति और योग: दो या दो से अधिक ग्रहों की युति और विभिन्न महत्वपूर्ण ज्योतिषीय योगों का परिचय और उनका फल।

  • जन्म कुंडली कैसे देखें?: विभिन्न ग्रहों, राशियों, नक्षत्रों और भावों की स्थिति का विश्लेषण करके संभावित फलादेश करने की प्रारंभिक जानकारी।

  • दशाओं का संक्षिप्त परिचय: विंशोत्तरी दशा का सामान्य परिचय और उसका फलादेश में महत्व।

यह पुस्तक किसके लिए है?

यह पुस्तक उन सभी लोगों के लिए अत्यंत उपयोगी है जो:

  • ज्योतिष शास्त्र के बारे में बुनियादी ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं।

  • अपनी जन्म कुंडली स्वयं बनाना सीखना चाहते हैं।

  • अपनी कुंडली के विभिन्न घटकों को समझना चाहते हैं।

  • ज्योतिष के माध्यम से अपने भविष्य और स्वभाव के बारे में जानना चाहते हैं।

  • ज्योतिष के छात्रों और जिज्ञासुओं के लिए एक प्रारंभिक मार्गदर्शिका के रूप में काम आ सकती है।

इस पुस्तक की विशेषताएं:

  • सरल और स्पष्ट भाषा का प्रयोग, जिससे जटिल अवधारणाएं भी आसानी से समझ में आ जाती हैं।

  • जन्म कुंडली बनाने की चरण-दर-चरण प्रक्रिया का विस्तृत वर्णन।

  • प्रत्येक ग्रह, राशि, नक्षत्र और भाव का सरल परिचय।

  • जन्म कुंडली को प्रारंभिक स्तर पर देखने और समझने के लिए उपयोगी मार्गदर्शन।

  • ज्योतिष के क्षेत्र में प्रवेश करने वाले नए जिज्ञासुओं के लिए एक आदर्श पुस्तक।

"ज्योतिष पीयूष (जन्म कुंडली कैसे बनाएं, कैसे देखें)" पुस्तक के माध्यम से आप ज्योतिष के अद्भुत संसार में प्रवेश कर सकते हैं और अपनी जन्म कुंडली के रहस्यों को स्वयं उजागर कर सकते हैं। आज ही इस पुस्तक को खरीदें और ज्योतिष की इस ज्ञानवर्धक यात्रा का आरंभ करें!

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Brand: Yug Nirman Yojna Trust
Author: Pandit Sriram Sharma Acharya


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