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युग निर्माण योजना-दर्शन, स्वरूप व कार्यक्रम

🎯 पुस्तक का उद्देश्य और सारांश

यह ग्रंथ “युग निर्माण योजना” के दर्शन (दृष्टि), स्वरूप (रूपरेखा) और कार्यक्रम (आचरण) का एक सुसंगठित विवरण प्रस्तुत करता है। पं॰ श्रीराम शर्मा आचार्य ने इस योजना का आधार रख-रखाव चरित्र, चेतना और समाज के स्तर पर एक समग्र परिवर्तन करना माना। ग्रंथ तीन मुख्य स्तंभों—व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक—में युग-निर्माण की कार्ययोजना स्पष्ट करता है, ताकि आधुनिक जीवन अपने आध्यात्मिक, वैचारिक और व्यवहारिक संदर्भ में संतुलित हो सके। 

🌟 मुख्य विषय-वस्तु और संरचना

1. दर्शन (दृष्टि): युग का उद्भव

  • युग-निर्माण का मूल उद्देश्य है—आत्मिक नवग्रहण और युग-रजत को जीवन में उतारना।

  • यह योजना मानव जीवन के तीन स्तंभों—स्वस्थ शरीर, निर्मल मन, सभ्य समाज—पर आधारित है। 

2. स्वरूप (संरचना): त्रि-स्तरीय पथ

  • व्यक्तिगत: स्व-शोध, चरित्र निर्माण, आत्म-प्रकाश।

  • पारिवारिक: नैतिकता, सहयोग, संस्कार-संस्कृति।

  • सामाजिक: सेवा, वैचारिक क्रांति, यज्ञ श्रंखला एवं सार्वजनिक अभियानों का विस्तार।

3. कार्यक्रम (कार्यान्वयन): कैसे मार्गदर्शित हो

  • शत-सूत्री अभियान: हजारों सुसंस्कृत आदर्शों के अनुसार जीवन जीने की शैली का प्रचार-प्रसार। 

  • प्रज्ञा और यज्ञ कार्यक्रम: सामूहिक चेतना को प्रेरित करने के साधन—जैसे सामूहिक यज्ञ, ध्यान शिविर, सत्र, संगोष्ठी।

  • शिक्षा व प्रचार: पत्रिका, प्रकाशन, शाैक्षिक कार्यशालाओं और डिजिटल मीडिया के माध्यम से व्यापक जागृति।

4. आत्मप्रेरणा: जिम्मेदारी और स्वावलंबन

  • योजना का प्रारंभ व्यक्तिगत परिवर्तन से होता है—पैसों या संस्थाओं से नहीं।

  • पं॰ आचार्य ने अपने 64 वर्ष के जीवन में इसी मार्ग को अपनाकर उदाहरण दिया और शेष जीवन 'आत्म-निर्गमन एवं आत्म-निर्माण' के लिए समर्पित किया। 

🌱 पाठक को मिलने वाले लाभ

  • चरित्र-उत्थान: आत्म-जागृति, नैतिक निर्णय क्षमता और स्थायित्व प्राप्त होता है।

  • पारिवारिक सौहार्द: सहयोग, संस्कार और मूल्य-आधारित जीवन शैली स्थापित होती है।

  • सामाजिक जागृति: यज्ञ, सेवा और वैचारिक अभियान समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाते हैं।

  • स्वस्थ जीवन: यथार्थ जीवनशैली, आत्म-निरीक्षण और यज्ञीय ऊर्जा से तन-मन-संतुलन प्राप्त होता है।

  • वैश्विक दृष्टिकोण: "वसुधैव कुटुंबकम्" की समझ के साथ एक समग्र एवं समावेशी युग-निर्माण की नींव मिलती है।

👥 यह पुस्तक किनके लिए उपयुक्त है?

  • युवा, छात्रों एवं आत्म-चिंतक, जो स्वयं, परिवार और समाज बदलने का उत्साह रखते हैं।

  • प्रेरक वक्ता, शिक्षक, संगठनकर्ता, जो चरित्र और नैतिक चेतना के माध्यम से समूह कार्य करना चाहते हैं।

  • समाजसेवी और संस्थान संचालक, जो व्यापक वैचारिक बदलाव व क्रांतिकारी कार्यक्रम आयोजित करने में दिलचस्पी रखते हैं।

  • ध्यान-योग-साधक, जो वैज्ञानिक-आध्यात्मिक दृष्टि से आत्म-शोध व सामाजिक कार्य को जोड़ना चाहते हैं।

संक्षिप्त निष्कर्ष

“युग निर्माण योजना – दर्शन, स्वरूप और कार्यक्रम” केवल भाषा-ग्रंथ नहीं, बल्कि एक सम्पूर्ण जीवन-दर्शन है। यह बताता है कि “जब हम स्वयं बदलेंगे, उसके बाद परिवार और समाज – और अंततः युग” बदल सकता है। इस पुस्तक में आप पाएंगे—

क्षेत्रलाभ
व्यक्तिगतआत्म-निर्माण, चरित्र निर्माण
पारिवारिकसंस्कार-संस्कृति, शांति-सहयोग
सामाजिकसेवा, ज्ञान-प्रकाश, यज्ञ
वैश्विकएकात्मता, सह-अस्तित्व

📚 यदि आप जीवन को सिर्फ जीना नहीं, बल्कि चरित्र-निर्मित, दुनिया-सुधारित और युग-विस्तारित बनाना चाहते हैं—तो यह पुस्तक आपके लिए आदर्श आदर्श-मार्गदर्शक सिद्ध होगी। इसे अपनी ई‑कॉमर्स श्रेणी में अवश्य शामिल करें और युग-निर्माण की यात्रा प्रारम्भ करने हेतु जागृत बनाएं!

₹ 150.00 ₹ 150.00 Tax Excluded
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ब्रांड: युग निर्माण योजना ट्रस्ट
लेखक : पं श्रीराम शर्मा आचार्य
भाषा : Hindi

 शर्तें और नियम

प्रेषण: २ से ५ व्यावसायिक दिवस