समस्त विश्व को भारत के अजस्त्र अनुदान
🎯 पुस्तक का उद्देश्य और सारांश
यह पुस्तक विश्व को भारत द्वारा ऐसा “अजस्त्र उपहार” समझती है—जिसमें किसी प्रकार की विजय या सैन्य विजय नहीं, बल्कि संस्कृति, विचार और आध्यात्मिक विद्या का ऐसा योगदान है, जो मानवता के विकास में आज भी जीवंत है। लेखक के अनुसार, कई देशों में धर्म, शिक्षा, राज्य-प्रणाली तथा कला और विज्ञान का जो मार्गप्रियता है, वह प्राचीन भारत की प्रतिभा का प्रतिफल है ।
ग्रंथ का दृष्टिकोण है कि भारत ने किसी युद्ध या आक्रामक नीति से नहीं, बल्कि आदर्श, तप और तपस्या की संस्कृति द्वारा वैश्विक स्तर पर प्रभाव डाला। यही “अजस्त्र अनुदान” कहा गया है—शस्त्र-रहित, प्रतिष्ठा से संपन्न और आत्मबल से प्रेरित योगदान।
🌍 मुख्य विषय-वस्तु
विश्व में भारतीय संस्कृति का विस्तार
बौद्ध धर्म, वैदिक विचार, योग व ध्यान जैसी परम्पराएँ चीन, जापान, सीरिया, अन्डोनेशिया से लेकर अफ्रीका, रूस और ऑस्ट्रेलिया तक फैलती रहीं। इसके माध्यम से वहां जीवन, आचार, अध्ययन, मंदिर-देवता और अध्यात्म का मार्ग स्थापित हुआ ।अन्य देशों में लोक-भारतीय दर्शन का अवतरण
जापान एवं कोरिया में बौद्ध धर्म, इंडोनेशिया और जावा में रामायण की कथाएँ, रूस तक भारतीय तत्वज्ञान—ये सब भारतीय संस्कृति के निरंतर प्रसार के उदाहरण हैं ।आध्यात्मिक सहायता एवं प्रेरणा
पुस्तक में जीवनोपयोगी सिद्धांत, तपस्या की महत्ता, सेवा की शक्ति पर भी जोर है। भारतीय संस्कृति व लोक-चेतना का उल्लेख, अफ्रीका, एशिया व पश्चिमी दुनिया में भारतीय मनोबल का उपयुक्त कारण बताता है ।वैदिक विज्ञान से संतुलित विकास
कथा–टिप्पणियाँ, योग–ध्यान–चिकित्सा संदर्भ और पंचतत्त्व चिकित्सा तकनीकें—यहां प्रस्तुत हैं, जिनमें यह दिखाया गया है कि भारतीय विजन और जीवन-अध्या संयोजन वैज्ञानिक तथ्यों से जुड़ा है ।
🌱 इस पुस्तक से मिलने वाले लाभ
राष्ट्र के गौरव का अनुभव
यह पुस्तक भारतीय संस्कृति की उदारता और आध्यात्मिक चेतना को दोबारा आत्मसात करने का अवसर देती है।वैश्विक दृष्टि व मानववाद
जब देश—चाहे छोटा या बड़ा—भारत से मिली संस्कृतिक धरोहर को अपनाता है, तब वैश्विक मानव-संवाद मजबूत होता है।आध्यात्मिक अनुभव तथा प्रेम
भारतीय संस्कृति द्वारा दी गई उपासना, साधना, सेवा—ये सभी साधन पूरे विश्व के मानव-चेतना को ऊंचा उठाने वाले सिद्ध होते रहे।व्यापक ऐतिहासिक घटनाओं की समझ
बौद्ध धर्म के उदय, वैदिक ज्ञान की विज्ञानसम्मत पद्धतियाँ, संस्कृति–शिक्षा के माध्यम से विदेशों में प्रभाव—ये सभी ऐतिहासिक कारण स्पष्ट होते हैं।
👤 पुस्तक किनके लिए उपयुक्त है?
इतिहास, संस्कृति और दर्शन–प्रेमी छात्र एवं शिक्षक
युवा वर्ग, जो संस्कृतिक आत्म–परिचय व आत्मबोध चाहते हैं
समाज–कार्यकर्ता, जो वैश्विक सहयोग और मानवता के मंत्र का नेतृत्व करना चाहते हैं
आध्यात्मिक साधक, जो भारतीय ज्ञान-विज्ञान व साधना दर्शन को जीवंत जीवन में ढालना चाहते हैं
✅ संक्षिप्त सारांश
“समस्त विश्व को भारत के अजस्त्र अनुदान” एक ऐसा प्रेरक ग्रंथ है जो बताता है कि शस्त्र की आवश्यकता नहीं, बल्कि संस्कृति का दीर्धावलंबी प्रभाव अधिक लंबा होता है। मंदिरों द्वारा संचालित शिक्षा, तपस्या व सेवा का प्रभाव, और मानव प्रेम व धर्म चेतना—इन्हीं को यह पुस्तक “अजस्त्र अनुदान” का स्वरूप मानकर प्रस्तुत करती है।
📚 यदि आप भारत की गौरवशाली संस्कृति, आध्यात्मिक राजनीति, शिक्षा दर्शन और वैश्विक मानव-संबंध को गहराई से समझना चाहते हैं—तो यह पुस्तक आपकी ज्ञान यात्रा में एक अद्वितीय साथी साबित होगी। इसे अपनी संग्रह-श्रेणी में शामिल करें और भारतीय उपहार को वैश्विक क्षितिज तक ले जाने का माध्यम बनें।
ब्रांड: युग निर्माण योजना ट्रस्ट |
लेखक : पं श्रीराम शर्मा आचार्य |
भाषा : Hindi |