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शब्द ब्रह्म-नाद ब्रह्म

🎯 पुस्तक का उद्देश्य एवं सारांश

यह पुस्तक “शब्द” (शब्द‑ब्रह्म) और “नाद” (अनाहत‑नाद ब्रह्म) के दिव्य तत्त्व को समझने और उसके साधनात्मक प्रयोगों का व्यावहारिक मार्गदर्शन करती है। लेखक के अनुसार, संस्कृत में मूलभूत ‘ॐ’ से लेकर भारतीय संगीत‑धर्म तक, शब्द में विश्व की मूल शक्ति निहित है। यह ग्रंथ बताता है कि कैसे शुद्ध एवं संगठित ध्वनि हमें चरित्र, चेतना, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक ऊँचाई तक पहुँचा सकती है।

🌟 मुख्य विषय-वस्तु

1. शब्द‑ब्रह्म और नाद‑योग सिद्धियाँ

‘शब्द’ को ब्रह्म का द्वितीय रूप माना गया है—यह सूक्ष्म जड़-तत्व है जो सृष्टि की सभी ध्वनियों का आधार है। अनाहत‑नाद वाणी से उत्पन्न न होकर आत्मा-प्रेरित होता है, जो साधक को आंतरिक समाधि तक ले जाता है ।

2. नाद‑योग के साधन

समग्र ध्वनि विज्ञान के सिद्धांत प्रस्तुत करते हुए यह पुस्तक बताती है कि विभिन्न स्वर और तालों में कितनी ऊर्जा और औषधीय शक्ति होती है

साथ ही ‘नाद‑योग’ का अभ्यास, जैसे अनाहत ध्वनि का अंतरंग अनुभूति करना, मानसिक शांतिदायक व्यायाम के रूप में बताए गए हैं।

3. संगीत का आध्यात्मिक प्रभाव

मन और मस्तिष्क पर संगीत के सद्भावनापूर्ण प्रभावों को प्रमाणित करते हुए बताया गया है कि इससे मानसिक प्रसन्नता, तन्मयता, ध्यान-क्षमता और भावनात्मक स्थिति में सकारात्मक परिवर्तन आता है awgp.org

4. प्राण-नाड़ी और ध्वनि विज्ञान

पुस्तक में दर्शाया गया है कि ध्वनि कम्पन—नाड़ियों और प्राणिक प्रवाह में साक्षात् असर डालते हैं, ठीक वैसे ही जैसे आयुर्वेदिक उपचार या संगीत थैरेपी में होता है ।

5. मंत्र और गायत्री का वैज्ञानिक विवेचन

आदिमंत्र ‘ॐ’ और गायत्री मंत्र की सशक्त योग-शक्ति का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक विश्लेषण भी पुस्तक में शामिल है। यह दिखाया गया है कि कैसे मंत्रों का सही उच्चारण चेतना के उच्चतर स्तर तक पहुंचा सकता है ।

🌱 पाठक को मिलने वाले लाभ

  • आत्मिक शांति और मानसिक स्थिरता
    अभ्यास से मन में प्रसन्नता और एकात्मता का अनुभव होता है।

  • संचारी स्वास्थ्य
    नाद-योग से सांस, प्राण और ऊर्जा का प्रवाह संतुलित होता है।

  • व्यक्तिगत क्षमता में वृद्धि
    ध्वनि साधना से एकाग्रता बढ़ती है, तनाव घटता है, और व्यक्तित्व सशक्त बनता है।

  • आध्यात्मिक अनुभूति एवं गूढ़ ज्ञान
    समाधि-स्थिति में पहुँचकर चेतना की सूक्ष्म परतों का अनुभव संभव होता है।

  • गीत, संगीत और सेवा-चरित्र
    उच्च स्तर के ध्वनि ज्ञान से जीवन में सेवा, संगीत, रचनात्मकता और नेतृत्व-गुण आते हैं।

👤 यह पुस्तक किनके लिए उपयुक्त है?

  • ध्यान-योग साधक, जो नाद-योग की शाखा में इच्छुक हैं

  • संगीत-चेतना से जुड़े व्यक्ति, जो संगीत को वैदिक या योग-प्रकृति के रूप में समझना चाहते हैं

  • आध्यात्मिक चिंतक, जो स्वर-शब्द-तत्व में ध्यान और समाधि अनुभव की तलाश में हैं

  • स्वास्थ्य-सचेत व्यक्ति, जो संगीत की औषधीय शक्ति का अनुभव करना चाहते हैं

  • आगामी नेतृत्वकर्ता व शिक्षक, जो नाद-शक्ति पर आधारित ध्यान-प्रणाली को जीवन में ले जाना चाहते हैं

संक्षिप्त विचार

“शब्द ब्रह्म‑नाद ब्रह्म” केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि ध्वनि-साधना की कार्यशाला है। इसमें शब्द और संगीत के माध्यम से चेतना, स्वास्थ्य, सेवाभाव और आग्रही चरित्र के लिए वैज्ञानिक-सांस्कृतिक दृष्टिकोण से चेतना का पाठ है।

यदि आप—

  • क्षणिक व्यर्थता नहीं, बल्कि सूक्ष्म और गहन ध्यान चाहते हैं,

  • आध्यात्मिक और शारीरिक स्वास्थ्य को संगीत माध्यम द्वारा संतुलित करना चाहते हैं,

  • या फिर चरित्र और चेतना का विकास नाद-शक्ति के साथ करना चाहते हैं—

तो यह पुस्तक आपके लिए एक मूल्यपूर्ण और अनमोल साथी साबित होगी। इसे अपने संग्रह में शामिल करें और शब्द-शक्ति की दिव्यता को आत्मसात करें।

📚 शब्द से ब्रह्म की अनुभूति करें, नाद में समाधि पाएं—इस दिव्य अनुदान को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।

₹ 150.00 ₹ 150.00 Tax Excluded
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ब्रांड: युग निर्माण योजना ट्रस्ट
लेखक : पं श्रीराम शर्मा आचार्य
भाषा : Hindi

 शर्तें और नियम

प्रेषण: २ से ५ व्यावसायिक दिवस