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गायत्री महाविद्या का तत्त्वदर्शन

🌟 पुस्तक का सार

‘गायत्री महाविद्या का तत्वदर्शन’ पुस्तक गायत्री मंत्र की गूढ़ता, उसकी शक्ति और उसका जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है—इन सबको दर्शन, विज्ञान और आध्यात्म के परिप्रेक्ष्य में समझाती है। सबसे पहले यह स्पष्ट करती है कि गायत्री केवल एक मन्त्र नहीं, बल्कि 24 अक्षरों की दिव्य शक्ति, जीवन-संस्कार, और चैतन्य का स्रोत है ।

🔍 मुख्य विषय और तत्वज्ञान

  1. गायत्री की उत्पत्ति एवं भूमिका
    गायत्री शक्ति की उत्पत्ति, सृष्टि की नाभि-कल्पना, और ब्रह्मा—सावित्री—गायत्री के संयोग से वेदों एवं सृष्टि की उत्पत्ति तक का वर्णन।


  2. गायत्री—वेदों की माई
    गायत्री को वेदों की जननी बताया गया है। वेदों का सार इसी एक मन्त्र में निहित है—जिस कारण इसे “ब्रह्मविद्या” और “ब्रह्मशक्ति” की संज्ञा दी जाती है ।
  3. त्रिपदा गायत्री की संरचना

    • ज्ञान सिद्धि तीन अक्षरः ह्रीं

    • वैभव-शक्ति में श्रीं

    • स्फूर्ति-शक्ति में क्लीं
      ये तीनों अक्षर साधक के जीवन में ज्ञान, संपन्नता और सामर्थ्य का संचार करते हैं ।

  4. चेतना और विज्ञान का अनुभव
    गायत्री मंत्र साधना से बुद्धि-चेतना में स्पष्टता आती है; ज्ञान की ऊँचाई, विवेकशक्ति, कीर्ति-शक्ति व प्राणशक्ति में वृद्धि होती है। इसका वैज्ञानिक प्रमाण युग-परिवर्तन अभियान (AWGP) के अनुभवजन्य साक्ष्यों पर आधारित है ।

  5. पुरातत्व-महापुरुषों की मान्यता

    • “जो नियमित रूप से तीन वर्ष तक गायत्री जाप करता है, वह ईश्वर को प्राप्त करता है”—विश्वामित्र ऋषि 

    • “गायत्री मंत्र निरंतर जप रोगियों को अच्छा करने और आत्मा की उन्नति के लिये उपयोगी है”—महात्मा गांधी 

    • स्वामी विवेकानन्द, रामकृष्ण परमहंस, विवेकानन्द, दयानंद सरस्वती समेत कई अन्य महापुरुषों का भी गायत्री पर विशेष आस्था प्रकट होती है ।

🧭 क्यों पढ़ें यह किताब?

  • आध्यात्मिक गहराई: गायत्री मंत्र की वैज्ञानिक, दार्शनिक और आध्यात्मिक व्याख्या

  • साधना की गाइड: दैनिक जीवन में मंत्र जाप के सही सिद्धांत, विधि और लाभ

  • प्रेरक मान्यताएँ: ऋषि-महापुरुषों और वैज्ञानिक अनुभवों के प्रेरणादायक उद्धरण

  • शक्ति संचार: जीवित अनुभवजन्य परीणाम—चिंतन, स्वास्थ्य, मन की स्थिरता और आत्मबल

🌿 पुस्तक से मिलने वाले लाभ

  • चिंतन-प्रकाश: आत्मिक अज्ञान से सीखकर मनोबल, विवेक और सजगता में उन्नति

  • स्वास्थ्य सुधार: प्राण व चेतना ऊर्जा में वृद्धि द्वारा रोग-प्रतिरोधक क्षमता

  • आत्मिक शुद्धि: मंत्र विधियों के माध्यम से चित्त की शांति व स्थिरता

  • चेतना विकास: विवेक, सृजन-संवेदन, आत्मिक उन्नति, समाजोत्थान भावना

👤 उपयुक्त पाठक

  • आध्यात्मिक साधक एवं चिंतक, जो मंत्र-ज्ञान में गहराई चाहते हैं

  • गायत्री परिवार के अनुयायी, जो साधनात्मक सिद्धियों की खोज में हैं

  • युवा और बुद्धिजीवी वर्ग, जो आत्म-शक्ति व विवेक सशक्त कर जीवन में बदलाव लाना चाहते हैं

  • शिक्षक एवं सम्मेलन-प्रवर्तक, जो मंत्र विज्ञान व संस्कृति में रुचि रखते हैं

📚 “गायत्री महाविद्या का तत्वदर्शन” एक संस्मरणीय पुस्तक है जो गायत्री मंत्र को केवल आचार, भाषा या अनुष्ठान से ऊपर उठाकर उसकी वास्तविक आध्यात्मिक और वैज्ञानिक गहराई को प्रस्फुटित करती है। यदि आप अपने जीवन में ज्ञान, शक्ति, और मानसिक स्पंदन की खोज में हैं—तो इस पुस्तक को अपने कार्ट में आज ही जोड़ें!

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ब्रांड: युग निर्माण योजना ट्रस्ट
लेखक : पं श्रीराम शर्मा आचार्य
भाषा : Hindi

 शर्तें और नियम

प्रेषण: २ से ५ व्यावसायिक दिवस