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Pran Shakti : Ek Divya Vibhuti

🎯 पुस्तक का उद्देश्य और सारांश

‘प्राण शक्ति – एक दिव्य विभूर्ति’ मानव जीवन में विद्यमान सूक्ष्मतम ऊर्जा—‘प्राण’—का गहन विवेचन प्रस्तुत करती है। लेखक पं॰ श्रीराम शर्मा आचार्य के अनुसार, यह जीवनआशा केवल शारीरिक ऊर्जा नहीं, बल्कि चेतना, स्वास्थ्य, आत्मसम्मान और आध्यात्मिक ऊँचाई का भी सूचक है। यह पुस्तक बताती है कि यदि हम ‘प्राण’ की उपयोगिता, अभ्यास और जागरूकता को समझते और जीवन में उतारते, तो जीवन शुद्ध, शक्तिशाली तथा दिव्य बन सकता है।

🌟 मुख्य विषय-वस्तु

  1. प्राण क्या है?
    – प्राचीन भारतीय परंपरा में प्राण को ‘जीवनदायिनी ऊर्जा’ कहा गया है। यह एक सूक्ष्म शक्ति है जो शरीर, मन और आत्मा को सामंजस्य में रखती है।

  2. प्राण का महत्व:
    – शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्पष्टता और आध्यात्मिक अनुभूति—तीनों का आधार प्राण है। पुस्तक इसे ‘जीवन-शुद्धि’ और ‘सामूहिक चेतना’ का मूल स्रोत मानती है।

  3. प्राण अभ्यास—शोध और क्रिया:
    – ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक विचार और साधना के माध्यम से प्राण-शक्ति को एकत्रित और सक्रिय किया जा सकता है। लेखक इन तकनीकों को सरल, व्यावहारिक और जीवन-प्रेरक बनाकर प्रस्तुत करते हैं।

  4. मानसिक और आध्यात्मिक लाभ:
    – नियमित अभ्यास से मानसिक संतुलन, ध्यान-क्षमता, रचनात्मकता और आध्यात्मिक संकल्प की वृद्धि होती है। यह हमें जीवन के हर क्षेत्र में प्रकाशित बनाता है।

  5. प्राण के दिव्य प्रयोग:
    – पुस्तक में कई चरित्र-प्रसंग और साधक अनुभव भी प्रस्तुत हैं, जिनमें दैनिक जीवन, सेवा व संकट स्थितियों में प्राण-शक्ति कदम रखकर जीवन में एक दिव्यता आती है।

🌱 पाठ से मिलने वाले लाभ

  • शारीरिक स्फूर्ति और ऊर्जावान जीवन
    नियमित प्राण अभ्यास से थकान, तनाव और रोगप्रतिरोधक क्षमता का सुधार होता है।

  • मानसिक शांति और स्पष्ट दृष्टि
    चिंतन की गहराई, आत्म-विश्लेषण क्षमता और मानसिक एकाग्रता में वृद्धि होती है।

  • आध्यात्मिक उन्नति
    आत्म-चेतना और ईश्वर-चेतना के माध्यम से जीवन को दिव्यता की ओर ले जाने की क्षमता मिलती है।

  • सकारात्मक जीवन धारणा
    विचारों, भावनाओं, कर्तव्यों और सेवा के प्रति दृष्टिकोण सकारात्मक बने रहता है।

👤 पुस्तक उपयुक्त किनके लिए?

  • प्राणायाम व ध्यान साधक, जो जीवन-ऊर्जा का वास्तविक उपयोग सीखना चाहते हैं।

  • युवा और विद्यार्थिगण, जिन्हें सफलता, स्वस्थ जीवन व मानसिक स्थिरता एक साथ चाहिए।

  • समाजसेवी, शिक्षकों और प्रेरक वक्ताओं, जो शक्ति व ज्ञान का सरलता से प्रदर्शन करना चाहते हैं।

  • गायत्री परिवार एवं युग-परिवर्तन के कार्यकर्ता, जो चेतना-सेवा के माध्यम से समाज निर्माण में सहायक भूमिका निभाते हैं।

अंतिम सारांश

‘प्राण शक्ति – एक दिव्य विभूर्ति’ केवल एक अध्यात्मिक पुस्तक नहीं, बल्कि एक जीवन-मंत्र है। यह हमें सिखाती है कि छोटी जीवन-ऊर्जा—‘प्राण’—का यदि सही दृष्टि एवं साधना से संचय किया जाए, तो जीवन खुद में शक्ति, संतुलन व दिव्यता को आत्मस्थ कर सकता है।

यदि आप—

  • शारीरिक और मानसिक स्फूर्ति प्राप्त करना चाहते हैं,

  • ध्यान व आत्मचिंतन में गहनता लाना चाहते हैं,

  • जीवन को एक उच्च उद्देश्य से जोड़ना चाहते हैं,

  • या फिर दिव्यता और आत्म-बल की अनुभूति करना चाहते हैं—

तो “प्राण शक्ति – एक दिव्य विभूर्ति” आपके लिए एक प्रभावशाली और आवश्यक साथी साबित होगी। इसे आज ही अपने संग्रह में शामिल करें और अपने जीवन को दिव्यता की ओर अग्रसर करें।

📚 ध्यान, सेवा और चेतना के संयोजन से प्राप्त यह दिव्य विभूर्ति आपको अंदर से सशक्त बनाएगी। इसे अपने कार्ट में जरूर जोड़ें!

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Brand: Yug Nirman Yojna Trust
Author: Pandit Sriram Sharma Acharya
Language: Hindi


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